क्षुद्र ग्रह
सौर मंडल मे विचरण करने वाले पत्थरों और धातुओं के ऐसे खगोलीय पिंड जो अपने आकार मे ग्रहो से छोटे और उल्का पिंडो से बडे होते है। यह सूर्य की परिक्रमा करते हैं लेकिन इतने लघु हैं कि इन्हें ग्रह नहीं कहा जा सकता। इन्हें लघु ग्रह या क्षुद्र ग्रह या ग्रहिका कहते हैं।
हमारी सौर प्रणाली में लगभग 100,000 क्षुद्रग्रह हैं लेकिन उनमें से अधिकतर इतने सूक्ष्म हैं कि उन्हें पृथ्वी से नहीं देखा जा सकता। प्रत्येक क्षुद्रग्रह की अपनी कक्षा होती है, जिसमें ये सूर्य के इर्दगिर्द घूमते रहते हैं।
इनमें से सबसे बड़ा क्षुद्र ग्रह हैं 'सेरेस'।
केवल 'वेस्टाल' ही एक ऐसा क्षुद्र ग्रह है जिसे नंगी आंखों से देखा जा सकता है यद्यपि इसे सेरेस के बाद खोजा गया था।
ऐरोस एक छोटा क्षुद्रग्रह है जो क्षुद्र ग्रहों की कक्षा से भटक गया है तथा प्रत्येक सात वर्षों के बाद पृथ्वी से 256 लाख किलोमीटर की दूरी पर आ जाता है।