भारतीय ज्योतिष में सूर्य Astro Windows Club
Chandigarh
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स्वामी
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भचक्र की पांचवीं राशि सिंह
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उच्च
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मेष के १० अंश
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नीच
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तुला के १० अंश पर
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मूल
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त्रिकोण सिंह पर ० अंश से लेकर १० अंश तक शक्तिशाली
फ़लदायी
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देवता
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भगवान शिव
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कारक
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आत्मा का कारक
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नक्षत्र
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कृतिका (फ़ारसी नाम सुरैया), उत्तराषाढा और
उत्तराफ़ाल्गुनी.
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प्रतिधिनित्व
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पिता, आत्मा
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कारक
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लकडी मिर्च घास हिरन शेर ऊन
स्वर्ण आभूषण तांबा
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निवास स्थान
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मन्दिर सुन्दर महल जंगल किला एवं नदी का किनारा
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शरीर के अंग
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पेट आंख ह्रदय चेहरा, शरीर की बनाव, हड्डियों का ढांचा
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बीमारियां
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आंख, सिर संबन्धी, रक्तचाप, गंजापन एवं बुखार, पित्त रोग
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जाति
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क्षत्रिय
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रंग
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केशरिया
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धातु
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तांबा
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रत्न
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माणिक
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उपरत्न
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लाडली
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आयु की गणना
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50 साल
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दिशा
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पूर्व
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दृष्टि
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सप्तम
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सूर्य के मित्र
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चन्द्र मंगल और गुरु
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शत्रु
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शनि और शुक्र
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समग्रह
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बुध
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विंशोत्तरी दशा
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६ साल
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वनस्पति जगत
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लम्बे पेड
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ऋतु
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गर्मी
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आराध्य वृक्ष
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आक
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सूर्य अष्टम
मृत्यु स्थान से सम्बन्धित होने पर मौत आग से मानी जाती है।
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Astro
Windows Club Chandigarh
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Friday, 15 January 2016
भारतीय ज्योतिष में सूर्य
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